जनमत संग्रह एवं सहयोगियों/कार्यकर्ताओं की पहचान
वैसे तो यह सबसे प्रथम कार्य होता है, किसी भी चुनावी क्षेत्र का नेचर जानने का किन्तु यह
खर्चीला होता है, तो यह हम आपके द्वारा प्रथम दोनों फेज को करने के पश्चात् एवं हमारी स्थति
साफ़ कर के ही करवाने की सलाह देते हैं| इस फेज के कम्पलीट होने के बाद हमारी वर्तमान
स्थिति एकदम साफ़ हो जाती है| इस फेज में हमें क्षेत्र के हमारे हितैषी/विरोधी लोगो को चिन्हित
करने से लेकर के किस क्षेत्र में हमें कैसा क्या व्यवहार करना है, जातिगत समीकरण क्या कह
रहा है, एवं क्षेत्र में क्या प्रमुख बिंदु होंगे जिनके बेस में चुनाव लड़ा जायेगा इत्यादि सब जानकरी
प्राप्त हो जाएगी| इसमें सबसे महत्वपूर्ण हमारे लोगो की पहचान हो जाएगी एवं एक कम्पलीट आइडेंटीफ़्य
लोगो की कांटेक्ट लिस्ट तैयार हो जाएगी जिसको हम अपने उपयोगानुसार इस्तेमाल करेंगे| क्षेत्रानुसार
प्रमुख लोग जैसे सरकारी कर्मचारी, शिक्षक, खिलाडी, सरपंच, पार्षद, क्षेत्रीय नेता/प्रभावशाली लोग,
गली मोहल्ले के लीडर, अन्य प्रमुख की जानकारी भी हमें प्राप्त होगी| यह फेज अत्यंत महत्वपूर्ण होता
है, इसमें बिलकुल भी लापरवाही नहीं की जा सकती, यह हमारे जीत/हार के लिए जिम्मेदार होता है
यह बिलकुल सटीक होना चाहिए इसके लिए हम प्रोफेशनल लोगो को लगाते हैं, साथ ही अन्य मैनेजमेंट
कंपनी जैसे फ़र्ज़ी सर्वे नहीं होने देते| एक एक जानकरी को क्रॉस चेक करवाकर ही आगे का सर्वे कार्य किया जाता है|